यूथ इण्डिया फर्रुखाबाद। अब चीन की चाटुकारिता के चक्कर में फंस कर नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने जो ओछा बयान दिया है वह सर्वथा निन्दनीय है क्योंकि सारे विश्व में ऐसा कोई शहर नहीं है जिसकी उत्तर दिशा में सरयू नाम की पवित्र नदी बह रही हो इसके साथ ही ऐसा कोई स्थान पूरे विश्व में नहीं जिसके राजा चक्रवर्ती सम्राट दशरथ रहे हों और उनके पुत्र राम लक्ष्मण और भरत शत्रुघन रहे हो, फिर भी हिन्दुओं को अपमानित करने और मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जन्म स्थान के सम्बन्ध में भटकाने बाला बयान देकर नेपाल के प्रधानमंत्री क्या अपने को बचा पायेगें यह तो भविष्य ही बता पायेगा किन्तु ओली को यह तो बताना होगा कि -
दैहिक दैविक भौतिक तापा, राम राज्य नहिं काहू व्यापा।।
ऐसा भी राम राज्य उनके बताये हुए स्थान पर था। ओली अपनी कुर्सी चीन की चाटुकारिता और भारत का विरोध करके बचाना चाहते थे किन्तु नेपाल की धर्म परायण जनता उनके इस कुकृत्य को क्षमा नहीं करेगी अब नेपाल ही क्या विश्व के सभी हिन्दुओं को कुछ ऐसी योजना बनानी होगी कि ओली जैसी निशाचरी प्रवत्तियों का कहीं नामो-निशान न रहे। पौराणिक और ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत राम के अस्तित्व को नकारने का क्या परिणाम होता है यह राम विरोधियो से ओली को पूछना चाहिए और अपने भविष्य का भी अभी से निर्धारण भी कर लेना चाहिए।
- ब्रज किशोर मिश्र एडवोकेट
प्रदेश अध्यक्ष
लोकतंत्र सेनानी समिति, उ॰ प्र॰
अवधपुरी मम पुरी सुहावन, उत्तर दिशि सरजू वह पावन